पहाड़ों की वन सम्पदा प्रकृति का अनमोल तोहफा है

पहाड़ों की वन सम्पदा प्रकृति का अनमोल तोहफा है - सुरेन्द्र बिष्ट कौन कहता है कि आसमाँ में सुराख नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों ! जी हाँ मित्रों...युवाओं के मन के कवि दुष्यन्त कुमार अपनी गज़लों और कविताओं के माध्यम से युवापीढ़ी को लगातार संघर्ष करने एवं कभी हार न मानने का सन्देश देते रहेउ हैं। अपनी मेहनत, लगन और कर्मठता से यही सन्देश आज पहाड़ों के सुदूर क्षेत्रों में बेरोजगारी एवं पलायन का दंश झेल रही युवापीढ़ी को प्रदान कर रहे हैं - गंगोलीहाट निवासी गंगावली के संस्थापक एवं पर्यावरण प्रेमी सुरेन्द्र बिष्ट। पर्यावरण संरक्षण में ही अपना भविष्य तय कर चुके सुरेन्द्र बिष्ट ने गंगोलीहाट में गंगावली नर्सरी की स्थापना की। जिसमें तरह तरह के सुन्दर फूलों के पौधे उपलब्ध हैं। गंगावली में खिले हुए बेहद खूबसूरत फूलों में इसे भलीभाँति महसूस किया जा सकता है। उनके स्वयं के आवास पर टेरेस गार्डनिंग से वे लगभग सभी सीजनल जैविक सब्जियाँ उगाते हैं, जिससे उन्हें बाज़ार से सब्जी खरीदने की आवश्यक्ता ही नहीं पड़ती। सीजन के अनुसार बुरांश और एलोवीरा का जूस वे तैयार करते हैं जिसे सुदूर शहरों...